2025 Navratri : 2025 की नवरात्रि तिथि और पूजा विधि ! नौ दिनों की साधना और दुखों का अंत!

 

 

 

हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। यह नौ दिनों का पावन पर्व माँ दुर्गा को समर्पित होता है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आती है, लेकिन मुख्य रूप से चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि का पालन पूरे देश में बड़े धूमधाम से किया जाता है। इसके अलावा आषाढ़ और माघ मास की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इन दिनों में साधक गुप्त मंत्र साधना और तांत्रिक अनुष्ठान करते हैं।
2025 में नवरात्रि विशेष संयोग लेकर आ रही है। भक्तजन इस पर्व पर माँ की आराधना कर अपनी मनोकामनाएँ पूरी कर सकते हैं।  आज ओमांश एस्ट्रोलॉजी नवरात्रि 2025 से संबंधित बेहद अहम जानकारी लेकर प्रस्तुत है, आइए विस्तार से जानते हैं 2025 की नवरात्रि तिथियां, पूजा विधि और महत्व।

#2025 में नवरात्रि की तिथिया:

#चैत्र नवरात्रि 2025:

आरंभ – 31 मार्च 2025, सोमवार
समाप्ति – 8 अप्रैल 2025, मंगलवार

रामनवमी – 6 अप्रैल 2025, रविवार

#शारदीय नवरात्रि 202

आरंभ – 22 सितम्बर 2025, सोमवार

समाप्ति – 1 अक्टूबर 2025, बुधवार

महानवमी – 30 सितम्बर 2025, मंगलवार

विजयादशमी (दशहरा) – 2 अक्टूबर 2025, गुरुवार

 

 

 

 

 

 

🙏 नवरात्रि का महत्व;

नवरात्रि केवल पूजा-पाठ का पर्व नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि और ऊर्जा का समय है। नौ दिनों तक भक्त माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों – शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की आराधना करते हैं।इसे सतर्कता और संयम का पर्व कहा गया है।उपवास और साधना से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं। नवरात्रि के दौरान घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनी रहती है। व्यापार, करियर, विवाह, संतान और स्वास्थ्य से जुड़े कष्ट भी माँ की कृपा से दूर होते हैं।

🪔 नवरात्रि पूजा विधि;

नवरात्रि पूजा के लिए सही विधि का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। आइए चरणबद्ध विधि समझें:

.1 घटस्थापना (कलश स्थापना)

नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना की जाती है। मिट्टी के पात्र में जौ बोए जाते हैं।कलश पर स्वस्तिक का चिन्ह बनाकर उसमें गंगाजल, अक्षत, सिक्का और सुपारी डालें।आम या अशोक के पत्ते लगाकर ऊपर नारियल रखें।

2. माँ दुर्गा का आवाहन

माँ की प्रतिमा या चित्र को स्वच्छ स्थान पर स्थापित करें।

लाल चुनरी, रोली, अक्षत, फूल और दीपक अर्पित करें।
दुर्गा सप्तशती, देवी कवच या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।

3. अखंड ज्योति:

नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने का विशेष महत्व है।
यह दीपक शुद्ध घी का प्रज्वलित करे , जो नौ दिनों तक लगातार जलना चाहिए।

4. नौ दिन का अनुष्ठान:

प्रतिदिन माँ दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की पूजा करें।
सप्तशती पाठ, दुर्गा स्तुति या मंत्र जाप करें। व्रत रखने वाले दिन में फलाहार करें और सात्विक भोजन का ही सेवन करें।

5. कन्या पूजन:
नवरात्रि के अष्टमी या नवमी तिथि को कन्या पूजन किया जाता है।नौ कन्याओं को आमंत्रित कर उनके चरण धोए जाते हैं, उन्हें भोजन कराकर वस्त्र या दक्षिणा दी जाती है। यह पूजन अत्यंत शुभ माना गया है।

**नवरात्रि 2025 में किए जाने वाले विशेष उपाय:

*माँ दुर्गा को लाल फूल अर्पित करने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

*घी का दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

*नौ दिनों तक दुर्गा सप्तशती पाठ करने से शत्रु पर विजय प्राप्त होती है।

अष्टमी पर कन्या पूजन और उनको उपहार देने से पितृदोष शांत होता है।

*नवरात्रि में केले के पौधे की पूजा करने से धन वृद्धि होती है।

🌟 नवरात्रि और ज्योतिषीय महत्व:

ज्योतिष अनुसार, नवरात्रि के दौरान सूर्य और चंद्रमा की स्थिति विशेष फल प्रदान करती है।

चैत्र नवरात्रि – जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है और प्रकृति नवजीवन का संचार करती है।

शारदीय नवरात्रि – इस समय फसल कटाई का मौसम होता है और वातावरण शुद्ध एवं ऊर्जा से भरपूर रहता है।

इन दिनों में किए गए व्रत और साधना विशेष फलदायी होते हैं।

नवरात्रि माँ दुर्गा की आराधना का परम अवसर है। यह केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। नौ दिनों तक संयम, साधना और भक्ति से जीवन की नकारात्मकता दूर होती है और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।

2025 में नवरात्रि का पर्व शुभ संयोग लेकर आ रहा है। यदि भक्तजन सही विधि से व्रत और पूजा करें, तो माँ दुर्गा की कृपा से हर मनोकामना पूर्ण होगी।

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